Wednesday, February 2, 2011

बात तज़रबे की...

वैसे तो मेरे एक करीबी दोस्त के हिसाब से मै कमअक्ला और गैरतज़रबा कार इंसान हूँ जिसे अपनी कीमत का भी नही पता है लेकिन फिर भी मै अपने वजूद के बिनाह पर अब तक जो मुझे ज़िन्दगी ने सिखाया है उसी पर कुछ सुत्र वाक्य या नीति वचन टाईप का कुछ लिखने का मन है सो आज यह पोस्ट लिख रहा हूँ।

मेरी ज़िन्दगी के कडवे मिज़ाज,हमसफर की बेरुखी और दूनियादारी की कम समझ होने के साथ ज़ज्बाती होने की जो सज़ा मुकर्रर की गई है उसी का फलसफा यहाँ हिस्सों मे पेश कर रहा हूँ यह मेरी शाश्वत भटकन का प्रतीक है और अपने जैसे किसी की तलाश का परिणाम भी...। इसे मेरे द्वारा किसी व्यक्ति विशेष का चरित्र चित्रण अथवा व्यक्तिगत अनुभव का सारांश न समझा जाए बल्कि इसका अर्थ अधिक व्यापक एवं सम्रग है...मै ऐसा समझता हूँ....।

अथ कथारम्भे:

  1. दूनिया मे अपने जैसा कोई और भी होगा ऐसा सोचना सबसे बडी मूर्खता है लोग अपने जैसे प्रतीत होतें है लेकिन होता कोई नही।
  2. ऐसे आदमी से सदैव सावधान रहना चाहिए जिसके पास खोने के लिए कुछ भी न हो।
  3. किसी के लिए अपने सपनों के साथ समझौता किसी हालत मे नही करना चाहिए वरना ज़िन्दगी भर एक कसक बनी रहती है।
  4. विश्वास मत करो संदेह करो डेकार्ते यह दर्शन ज्यादा प्रेक्टिकल है जिसे अक्सर भावुक लोग नकार देते है।
  5. अपने अतिरिक्त किसी से भी वफा की उम्मीद करना बेमानी है, सबकी अपनी-अपनी मजबूरी होती हैं।
  6. कच्ची भावुकता और परिपक्व संवेदनशीलता मे फर्क करना जितनी जल्दी सीख सको सीख लेना चाहिए वरना आप अक्सर रोते हुए पाए जाते हैं और हालात आप पर हँसते है।
  7. मित्रता के साथ कभी सामूहिक व्यवसायिक प्रयास की सोचना भी मूर्खता है अंत मे न दोस्ती नसीब होती है और न ही कुछ व्यवसायिक काम सिद्द होता है।
  8. अक्सर लोग आपका ज्ञान आपसे सीखकर आपके सामने ही बडी ही बेशर्मी के साथ बघार सकने की हिम्मत रखते है सो इसके लिए मानसिक रुप से तैयार रहना चाहिए।
  9. आप किसी के लिए सीढी बन सकतें लेकिन मंजिल कभी नही अक्सर लोग एक पायदान का सहारा लेकर उपर चढ जाते हैं और आप जडतापूर्वक यथास्थान खडे हुए रह जातें है।
  10. रंज,मलाल,अपेक्षा और अधिकारबोध ऐसे भारी भरकम शब्दों को समझने की मैंटल फैकल्टी लोगो के पास होती ही नही है।
  11. रिश्तों मे अपनी जवाबदेही अक्सर कम ही लोग समझ पातें है दोषारोपण बेहद आसान है लेकिन किसी की कमजोरियों के साथ उसका साथ निभाना बहुत मुश्किल काम है।
  12. सफलता सम्बन्धों का फेवीकोल है असफल लोग अक्सर एक साथ नही रह पातें है।
  13. अतीत व्यसन से बडा कोई दूसरा व्यसन दूनिया मे हो ही नही सकता यह आपको रोजाना जिन्दा करता है और रोजाना मारता हैं।
  14. दूनिया की सबसे बडी सच्चाई यही है कि आदमी इस भरी दूनिया में नितांत ही अकेला है,सम्बन्धो का हरा-भरा संसार एक शाश्वत भ्रम है।
  15. ....अभी बस इतना ही और भी बहुत सी बातें है लेकिन अगर मै सभी को लिखुंगा तो आपको लगेगा कि महान लोगों की उक्तियाँ टीप रहा हूँ।यह मेरा तज़रबा है अगर आप इससे कुछ सबक ले सकें तो मुझे खुशी होगी लेकिन यह सच है कि मैं आज तक नही ले पाया हूँ। आभार सहित... डा.अजीत

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