Wednesday, October 6, 2010

बतकही

रोजाना ज़िन्दगी में कुछ ऐसा घट-बढ जाता है कि अब मुझे लगने लगा कि इस ब्लाग के लिए लिखने की सामग्री की कमी नही होने वाली है। पिछली 21 तारीख को मै पंतजलि विश्वविद्यालय(बाबा रामदेव जी वाला) मे असि.प्रोफेसर पद के लिए साक्षात्कार देने गया था कम वेतन और आवास व्यवस्था न मिलने के कारण मैने वहाँ ज्वाईन करने से मना कर दिया पहले मै बहुत उत्साहित था इसमे नियुक्ति को लेकर और अपने दो मित्रों जिनमे से एक ऐसे भी शामिल है जो कभी किसी की सिफारिश नही करते,उनसे मैने मंत्री से लेकर रसूखदार लोगो की सिफारिश का भी इंतजाम भी किया हुआ था लेकिन बाद मे जब वहाँ के पैकेज़ के बारे मे पता चला तो मेरा मन वही अनुलोम-विलोम करने लगा था और कपालभाति भी...खैर ! एक अच्छी बात यह रही जिसकी मै खुले दिल से तारीफ कर रहा हूं और ऐसा कोई साक्षात्कार आयोजित करने वाला संस्थान करता भी नही है कि साक्षात्कार के बाद पंतजलि योगपीठ के सौजन्य से हमे एक गिफ्ट हैम्पर किस्म का एक बैग दिया गया जिसमे स्वामी रामदेव जी एवं आचार्य बालकृष्ण जी का साहित्य और साथ मे एक 500 ग्राम का चटपटा आंवला कैंडी,दंत मजंन,साबुन और शैम्पू भी था। बाकि सबको पत्नि के हवाले करने के बाद मैने चटपटा आंवला कैंडी का स्वाद चखा...और चखा क्या अपने चटोरपने मे मै इसे दो दिन साफ कर गया मतलब मुझे इसका स्वाद मुझे इतना भाया कि मैने दो दिन आधी किलो चटपटा आंवला कैंडी चट कर साफ कर दी...मेरी पत्नि मेरे इस रुप को देखकर हैरान थी।
चटपटा आंवला कैंडी का स्वाद इतना मुझे भाया कि एक बार खुद खरीद कर ले आया और फिर से दो-तीन दिन में ही डिब्बा खाली...। मेरी जीभ को इसका इतना चस्का लग चूका था कि आज फिर मन कर रहा था कि एक डिब्बा और खरीद लाऊं लेकिन पहली बार मेरे पास पत्नि को इसकी वजह बताने का कोई बहाना नही मिल रहा था,लेकिन चटोरामन सब रास्ते निकाल ही लेता है मैने पत्नि से कहा कि मै तुम्हारें लिए दिव्य योग पीठ से सेब का मुरब्बा लाने जा रहा हूं और सच मे लाना भी चाह रहा था लेकिन वहा जब मैने एक दो और आईटम जिसमे चटपटा आंवला कैंडी भी शामिल थी का पर्चा थमाया तो काउंटर पर बैठे आदमी ने कहा इनमे से केवल चटपटा आंवला कैंडी ही मिल पायेगी। मै पहले तो सकपका गया लेकिन फिर साहस कर ले ही आया एक और डिब्बा चटपटा आंवला कैंडी का और शाम से उसको खाने मे लगा हुआ हूं अभी यह वृतांत लिखते हुए मेरे मुहँ मे चटपटा आंवला कैंडी ही है और मै मजे लेकर खा रहा हूं उम्मीद करता हू क्या तो कल वरना परसों यह डिब्बा भी मै चट कर जाने वाला हूं। मेरी पत्नि अब मुझ से हैरान भी है और परेशान भी मैने अपने बचाव मे यह तर्क गढ लिया है कि कोई बुरी चीज़ थोडी ही खा रहा हूं आयुर्वेद मे तो आवंले को अमृत कहा गया है सो मै तो अमृतपान कर रहा हूं वो बेचारी मेरे इस नये चटोरपने पर एक दार्शनिक चुप्पी बना लेती है और चटपटा आंवला कैंडी खाए जा रहा हूं...।
...लेकिन आज मैने शाम को पत्नि और बच्चे को शहर की सैर भी करवायी उनको मै अपने मित्र योगी जी के यहाँ लेकर गया था जैसाकि मै पहले लिख चूका हूं कि उनके यहाँ बेटी हुई वो अब घर आ गयें है अस्पताल सो सोचा पत्नि को मिलवा लाऊं उनको योगी जी के घर छोड कर मै अपने गुरुभाई और मित्र डा.ब्रिजेश उपाध्याय जी के आफिस चला गया और उनके हाई स्पीड ब्राडबैंड से अपना एंटी वायरस अपडेट किया कुछ आपबीती सुनी उनकी सुनी उनका भी आजकल मेरी तरह राहूकाल चल रहा सो दोनो ने अपने अपने दुखडे रो कर मन हल्का किया वक्त को गरिया कर...।
वापस लौटते हुए मैने पत्नि और बालक को गोल गप्पे,चाट और जूस आदि का सेवन करवाया ताकि एक हसीन शाम बन सके वैसे ही मेरी पत्नि बाहर के खाने से परहेज़ करती है लेकिन मेरे और बच्चे के आग्रह और उत्साह के आगे उसने अपने हथियार डाल ही दिए और जो मैने खिलाया वही खाया प्रेम से...।
दो दिन से मैने जागिंग करना छोड दिया है मन बहाना तलाश लेता है जोकि मेरी एक बुरी आदत है अपने आपको जस्टीफाई करने की...। अब जो है सो है कुछ बदला तो नही जा सकता है कल कोशिस करुंगा फिर से जाने की लेकिन अब लग रहा है कि काहे को फिटनेस के चक्कर मे शाम को बुजुर्गो की सोहबत मे हाँफना...? शरीर तो नश्वर है।
अब कल की बात कल देखी जाएगी आज काफी विस्तार हो गया है क्या करुं गागर मे सागर भरने की कलाकारी मुझमें है ही नही....।
डा.अजीत

4 comments:

  1. वाह जी ये चटपटा आंवला हमारी जानने की उत्सुकता बढ़ा गया.

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  2. ye to achchhi baat hai ki jindagi kuchh likhne ka avasar deti rahti ,nahi to kai isi aas me uljhe rahte hai .sundar .

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  3. atiuttam... aur aap jis aawla candy kee baat kar rahe hai uska swaad hamne bhi chakha hai aur mere bhai ko to wah bahut hi jyada pasand hai... padhne mei bada maza aaya... dhnyawaad...

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  4. ise mood me dekh kar rahat ho aae.Yogijee kee bitiya kaisee hai?
    gutke kee tarah addictive to nahee hai ye....? jo aap bade shouk se kha rahe hai? ati kisee cheez kee bhee theek nahee..........

    buzurgo se to naseehate hee milengee..........:)

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